डॉ. वेदप्रताप वैदिक इस्लामाबाद के भारतीय दूतावास में ऐसा क्या हो रहा था, जिसे नाकामयाब करने के लिए पाकिस्तानी फौज और गुप्तचर विभाग ने अपने जवानों को अड़ा दिया। वहां 1 जून को और कुछ नहीं, बस एक इफ्तार पार्टी हो रही थी। न तो वहां कोई भारतीय स्वाधीनता का जलसा हो रहा था, न किसी भारतीय विदेश मंत्री की सम्मान-सभा हो रही थी, न कोई पाकिस्तान-विरोधी सम्मेलन हो रहा