डाॅ. वेदप्रताप वैदिक — 31 अक्तूबर 1984 को सुबह मैं एयर इंडिया के जहाज में बैठा और न्यूयार्क के लिए रवाना हुआ। हमारा जहाज ज्यों ही लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर रुका, पायलट ने इंदिराजी की हत्या की घोषणा की। सारे यात्री काॅंप उठे। जहाज जब न्यूयार्क पहुंचा तो हमारे दूतावास के कुछ अधिकारी जो लेने पहुंचें थे, उन्होंने मुझे बताया कि दिल्ली से दंगों की खबरें आ रही